
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक रिटायर्ड अधिकारी को सात दिन तक डिजिटल तरीके से बंधक बनाकर 60 लाख रुपये से अधिक की ठगी का मामला सामने आया है। वसुंधरा सेक्टर-1 निवासी प्रीतम सिंह चौहान भारतीय खाद्य निगम से रिटायर्ड अधिकारी हैं। उनके पास 10 अक्टूबर को एक व्हाट्सएप कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को दिल्ली साइबर क्राइम ब्रांच से बताया। कॉल रिसीव करते ही कॉलर ने उन्हें वीडियो कॉल पर लिया और कहा कि आपने इतना गंभीर अपराध किया है कि तत्काल जांच जरूरी है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो आपको गिरफ्तार होना पड़ेगा। इसलिए स्क्रीन से हटने की कोशिश न करें। कॉलर ने उन्हें बताया कि मानव तस्करी से 68 लाख रुपये उनके एचडीएफसी बैंक खाते में आए हैं। उन्होंने इन सब बातों को टालते हुए कहा कि मेरा मानव तस्करी से कोई लेना-देना नहीं है। इस पर कॉलर ने उन्हें बताया कि बैंक मैनेजर को 17 बच्चों की मानव तस्करी से 68 करोड़ रुपये मिले हैं। बैंक मैनेजर ने उस रकम का 10 फीसदी यानी 68 लाख रुपये आपके खाते में ट्रांसफर कर दिया है। आपके खाते में पैसा आया है, इसलिए जांच होनी चाहिए।
60 लाख से ज्यादा की ठगी
उन्हें 10 से 16 अक्टूबर तक डिजिटल गिरफ्तारी में रखा गया। इसके बाद उन्हें हाईकोर्ट से रिकवरी का दावा करते हुए 50 लाख रुपये का नोटिस दिखाया गया। डर के मारे बुजुर्ग ने 50 लाख रुपये की रकम कॉलर द्वारा बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दी। रकम ट्रांसफर होते ही कॉल कट गई। बुजुर्ग को जब ठगी का अहसास हुआ तो उन्होंने पुलिस में शिकायत की। पीड़ित ने 14 अक्टूबर को दो बार पैसे ट्रांसफर किए। एक बार 2999888 रुपये और दूसरी बार 2088888 रुपये ट्रांसफर किए गए। इसके बाद 15 अक्टूबर को जालसाजों ने 9998888 रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए। बुजुर्ग से कुल 6088664 रुपये ठगे गए हैं।