
माघ पूर्णिमा, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो इस वर्ष 12 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन को पितृ दोष से मुक्ति के लिए विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है। यदि आप पितृ दोष से छुटकारा पाना चाहते हैं और अपने पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो माघ पूर्णिमा पर निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:
1. पवित्र नदी में स्नान और सूर्य को अर्घ्य:
माघ पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल पवित्र नदियों, विशेषकर गंगा में स्नान का विशेष महत्व है। यदि गंगा तक पहुंच संभव न हो, तो किसी भी पवित्र नदी या स्वच्छ जलाशय में स्नान करें। स्नान के पश्चात, सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितरों की कृपा प्राप्त होती है।
2. पितरों के निमित्त तर्पण और श्राद्ध:
इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण और श्राद्ध करना अत्यंत लाभकारी होता है। तर्पण के लिए, जल में काले तिल मिलाकर पितरों का स्मरण करते हुए अर्पित करें। श्राद्ध कर्म में ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान दें। इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितर प्रसन्न होते हैं।
3. शिवलिंग का अभिषेक:
माघ पूर्णिमा के दिन शिवलिंग का अभिषेक करना भी पितृ दोष निवारण के लिए प्रभावी माना गया है। शिवलिंग पर जल, कच्चा दूध, काले तिल, सफेद फूल, बिल्व पत्र, भांग और धतूरा चढ़ाएं। इसके बाद पितृ सूक्त, गजेंद्र मोक्ष, पितृ स्तोत्र, पितृ कवच का पाठ करें और भगवान शिव की आरती करें। इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
4. दीपदान:
शाम के समय नदी तट पर या नदी में दीपदान करने का विशेष महत्व है। इसके अतिरिक्त, तुलसी और पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितर प्रसन्न होते हैं।
5. दान-पुण्य:
माघ पूर्णिमा के दिन तिल, कंबल, कपास, गुड़, घी, मोदक, फल, अन्न, और स्वर्ण आदि का दान करना शुभ माना जाता है। असमर्थ लोगों को भोजन कराएं। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितर प्रसन्न होते हैं।
इन उपायों को श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितरों की कृपा प्राप्त होती है। ध्यान दें, ये उपाय धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं और इनका वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान से पहले योग्य पुरोहित या ज्योतिषी से परामर्श करना उचित होगा।
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