मिर्गी का दौरा: कारण और लक्षण

मिर्गी (Epilepsy) एक न्यूरोलॉजिकल विकार है जिसमें मस्तिष्क की सामान्य गतिविधियों में बाधा उत्पन्न होती है, जिससे व्यक्ति को बार-बार दौरे (Seizures) पड़ सकते हैं। यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है और इसके कई कारण होते हैं। आइए जानते हैं मिर्गी का कारण, लक्षण और इससे बचाव के उपाय।


मिर्गी के कारण:

मिर्गी के दौरे के पीछे विभिन्न कारण हो सकते हैं। मुख्य कारणों में शामिल हैं:

  1. मस्तिष्क की चोट: सिर में गंभीर चोट लगने से मस्तिष्क की गतिविधियां बाधित हो सकती हैं।
  2. जन्मजात दोष: कुछ बच्चों में जन्म के समय मस्तिष्क का सही विकास न होने के कारण मिर्गी की समस्या हो सकती है।
  3. मस्तिष्क संक्रमण: मेनिन्जाइटिस, एन्सेफलाइटिस या अन्य संक्रमण मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  4. आनुवांशिक कारक: परिवार में मिर्गी के इतिहास से इसके होने की संभावना बढ़ जाती है।
  5. स्ट्रोक: स्ट्रोक के कारण मस्तिष्क में रक्त प्रवाह रुकने से मिर्गी का खतरा बढ़ सकता है।
  6. ब्रेन ट्यूमर: मस्तिष्क में ट्यूमर भी मिर्गी के दौरे का कारण बन सकता है।
  7. मेटाबोलिक गड़बड़ी: ब्लड शुगर का असामान्य स्तर, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन या किडनी फेल्योर भी मिर्गी का कारण बन सकते हैं।

मिर्गी के लक्षण:

मिर्गी के लक्षण व्यक्ति के दौरे के प्रकार पर निर्भर करते हैं। सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:

  1. अचानक बेहोशी: व्यक्ति बिना किसी चेतावनी के अचानक गिर सकता है।
  2. झटके आना: हाथ-पैर या पूरे शरीर में तेज झटके आना मिर्गी का मुख्य लक्षण है।
  3. आंखों की हरकत: दौरे के दौरान व्यक्ति की आंखें ऊपर की ओर घूम सकती हैं।
  4. सांस लेने में कठिनाई: दौरे के दौरान सांस रुकने जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
  5. सुनने या देखने में बदलाव: कुछ मरीजों को दौरे से पहले तेज आवाजें सुनाई देती हैं या अजीब दृश्य दिखाई देते हैं।
  6. मनोवैज्ञानिक लक्षण: भ्रमित होना, गुस्सा आना या अचानक डर लगना भी मिर्गी का संकेत हो सकते हैं।

बचाव और उपचार:

  1. दवाइयों का नियमित सेवन: डॉक्टर द्वारा बताए गए एंटी-एपिलेप्टिक दवाओं का नियमित सेवन करें।
  2. सिर की सुरक्षा: हेलमेट पहनना और सिर की चोटों से बचाव करना जरूरी है।
  3. तनाव प्रबंधन: योग और ध्यान के माध्यम से तनाव को कम करें।
  4. पर्याप्त नींद: पर्याप्त और गुणवत्ता वाली नींद लेना जरूरी है क्योंकि नींद की कमी दौरे को ट्रिगर कर सकती है।
  5. डॉक्टर से नियमित परामर्श: नियमित चेकअप कराते रहें और दौरे के प्रकार को नोट करें।

क्या करें दौरे के समय:

  • व्यक्ति को सुरक्षित जगह पर लिटा दें।
  • उसके सिर के नीचे तकिया या मुलायम वस्त्र रखें।
  • कसे हुए कपड़े ढीले करें।
  • व्यक्ति के मुंह में कुछ भी डालने से बचें।
  • दौरा खत्म होने के बाद डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

मिर्गी एक गंभीर बीमारी है, लेकिन सही देखभाल और उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। जागरूकता और सही समय पर उपचार से मरीज एक सामान्य जीवन जी सकते हैं।

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