
ऊना। पंजाब से सटे हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में सामाजिक व आपराधिक तत्वों पर लगाम लगाने के लिए जिला प्रशासन ने एक अहम फैसला लेते हुए कुछ व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने का काम शुरू कर दिया है। ऊना जिले में लगातार सामने आ रही आपराधिक घटनाओं से सीख लेते हुए जिला प्रशासन अब बाहर से नौकरी करने या व्यवसाय करने के लिए आने वाले लोगों पर कड़ी नजर रखने के मूड में है। प्रशासन ने ऊना जिले में सुरक्षा व शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा जारी की है। यह आदेश नौकरी के बहाने जिले में आने वाले असामाजिक तत्वों पर लगाम लगाने के लिए लागू किया गया है। हाल ही में जिला प्रशासन के समक्ष ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें कई लोग बिना पहचान पत्र के सत्यापन के ऊना में आकर छोटे-मोटे कारोबार व सेवाओं जैसे शॉल बेचने वाले, फेरी लगाने वाले, मोची, बर्तन मरम्मत करने वाले या विभिन्न उद्योगों में ठेके पर काम करके अपनी आजीविका चला रहे हैं। उनकी पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी न होने और सत्यापन के बिना कई बार अपराध को रोकना मुश्किल हो जाता है, जो सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। बाहरी लोग ही नहीं बल्कि ऐसे लोगों को नौकरी देने वाले स्थानीय लोग भी अब कानून की गिरफ्त में आने वाले हैं, वहीं प्रशासन अब बिना किसी पंजीकरण के बाहरी लोगों को किराये के कमरों में रखने वालों पर कार्रवाई करने जा रहा है।
पुलिस को देनी होगी सूचना
दरअसल, जिले के इस आदेश के अनुसार रोजगार के लिए सभी प्रवासी श्रमिकों का सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। कोई भी नियोक्ता, ठेकेदार या व्यापारी संबंधित थाना प्रभारी (एसएचओ) से उनकी पहचान और पासपोर्ट साइज फोटो के सत्यापन के बिना किसी अनौपचारिक रोजगार या ठेका कार्य में प्रवासी श्रमिकों को नियोजित नहीं कर सकेगा। इसके अलावा स्वरोजगार प्राप्त करने वाले या छोटे-मोटे व्यवसाय करने वाले व्यक्तियों को अपने इरादे के बारे में संबंधित एसएचओ को सूचित करना होगा। एसडीएम विश्व मोहनदेव चौहान ने कहा कि सभी धार्मिक स्थलों और परिसरों, जहां ऐसे व्यक्ति शरण लेते हैं, को अपना पूरा रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए गए हैं।
सभी एसडीएम को जारी किए आदेश
पुलिस में पंजीकरण के बिना कोई भी व्यक्ति इन संस्थानों में नहीं रह सकेगा। ऊना जिले के सभी उपमंडल पुलिस अधिकारियों को ऐसे व्यक्तियों पर कड़ी निगरानी रखने और इन गतिविधियों की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं। इन निर्देशों का उल्लंघन करने पर संबंधित प्रवासी श्रमिकों और उनके नियोक्ताओं के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएसएस) की धारा 223 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।