
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज, 13 फरवरी 2025 को, लोकसभा में नया आयकर विधेयक, 2025 पेश किया। यह विधेयक 60 साल पुराने आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेगा और इसे अप्रैल 2026 से लागू करने का प्रस्ताव है।
मुख्य बदलाव:
- सरल भाषा और संरचना: नए विधेयक में आयकर कानून की भाषा को सरल और स्पष्ट बनाया गया है, जिससे करदाताओं के लिए इसे समझना आसान होगा। पुराने और अप्रासंगिक प्रावधानों को हटाकर पृष्ठों की संख्या 800 से घटाकर 622 कर दी गई है।
- नई शब्दावली: ‘पिछला वर्ष’ और ‘मूल्यांकन वर्ष’ जैसे शब्दों के स्थान पर ‘कर वर्ष’ (टैक्स ईयर) का उपयोग किया जाएगा, जो 1 अप्रैल से शुरू होने वाले 12 महीने की अवधि को दर्शाएगा।
- विवादों में कमी: स्पष्ट प्रावधानों के माध्यम से कानूनी विवादों को कम करने और स्वैच्छिक कर अनुपालन को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है।
- प्रावधानों का पुनर्गठन: जटिल प्रावधानों को हटाकर, कर दरों को तालिकाओं में प्रस्तुत किया गया है, जिससे करदाताओं के लिए जानकारी प्राप्त करना आसान होगा।
अगले कदम:
विधेयक को अब संसद की स्थायी वित्त समिति के पास समीक्षा के लिए भेजा जाएगा। समिति की सिफारिशों के बाद, इसे दोबारा कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा और फिर संसद में अंतिम मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।
नए आयकर विधेयक का उद्देश्य कर प्रणाली को सरल, पारदर्शी और करदाताओं के लिए अधिक अनुकूल बनाना है, जिससे कर अनुपालन में वृद्धि हो और कानूनी विवादों में कमी आए।