
महाकुंभ 2025 का समापन 26 फरवरी 2025 को होगा, जो महाशिवरात्रि के पावन पर्व के साथ संपन्न होगा। महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के दिन हुई थी, और तब से लेकर अब तक करोड़ों श्रद्धालु पवित्र त्रिवेणी संगम में स्नान कर चुके हैं।
महाशिवरात्रि का महत्व:
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म में भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव ने निराकार से साकार रूप धारण किया था। इस दिन व्रत, रात्रि जागरण, और शिवलिंग का अभिषेक करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
महाशिवरात्रि 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त:
- चतुर्दशी तिथि आरंभ: 26 फरवरी 2025 को सुबह 11:08 बजे
- चतुर्दशी तिथि समाप्त: 27 फरवरी 2025 को सुबह 08:54 बजे
चूंकि भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, इसलिए 26 फरवरी की शाम को रात्रि के चार पहरों में भोलेनाथ की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
महाकुंभ 2025 के प्रमुख स्नान पर्व:
- पौष पूर्णिमा (13 जनवरी 2025): महाकुंभ का आरंभिक स्नान
- मकर संक्रांति (14 जनवरी 2025): प्रथम अमृत स्नान
- मौनी अमावस्या (29 जनवरी 2025): द्वितीय अमृत स्नान
- वसंत पंचमी (3 फरवरी 2025): तृतीय अमृत स्नान
- माघ पूर्णिमा (12 फरवरी 2025): महत्वपूर्ण स्नान दिवस
- महाशिवरात्रि (26 फरवरी 2025): अंतिम अमृत स्नान और महाकुंभ का समापन
महाशिवरात्रि पर संगम में स्नान का महत्व:
महाशिवरात्रि के अवसर पर त्रिवेणी संगम में स्नान करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। इस दिन गंगा, यमुना, और सरस्वती के संगम में डुबकी लगाने से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। विशेषकर इस वर्ष, महाशिवरात्रि पर सूर्य, चंद्रमा, और शनि का विशेष त्रिग्रही योग बन रहा है, जो इस स्नान के महत्व को और बढ़ा देता है।
महाशिवरात्रि के दिन क्या करें:
- ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र संगम में स्नान करें। यदि संभव न हो, तो घर पर नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- व्रत का संकल्प लें और दिन भर फलाहार करें।
- शिवलिंग का गंगाजल, दूध, दही, शहद, और घी से अभिषेक करें।
- रात्रि के चार पहरों में भगवान शिव की पूजा और रात्रि जागरण करें।
- सामर्थ्य अनुसार दान-पुण्य करें।
महाकुंभ 2025 का समापन महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर होगा, जो श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक उन्नति का अवसर प्रदान करता है। इस दिन संगम में स्नान और भगवान शिव की आराधना से जीवन में शांति, समृद्धि, और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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