
भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख एक्सचेंज बीएसई और एनएसई ने इस साल के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की तारीख और समय की घोषणा कर दी है। इस बार मुहूर्त ट्रेडिंग की तारीख को लेकर शेयर बाजार के निवेशकों में काफी असमंजस की स्थिति थी। दरअसल, कई लोग इस बार 31 अक्टूबर को दिवाली मनाएंगे, जबकि कई लोग 1 नवंबर को दिवाली मनाएंगे। लेकिन बीएसई और एनएसई ने निवेशकों की सारी उलझन दूर कर दी है। बीएसई और एनएसई ने अलग-अलग नोटिफिकेशन जारी कर बताया कि इस बार मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन शुक्रवार 1 नवंबर को किया जाएगा। 1 नवंबर को दिवाली के दिन शेयर बाजार मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए शाम 6.00 बजे से 7.10 बजे तक खुलेगा।
मुहूर्त ट्रेडिंग क्या है और इसकी शुरुआत कब हुई
मुहूर्त के बारे में हम सभी ने सुना है। मुहूर्त का मतलब होता है किसी भी काम को करने का शुभ समय और मुहूर्त ट्रेडिंग का मतलब होता है शेयर बाजार में खरीदारी करने का शुभ समय। शेयर बाजार से जुड़े जानकारों का कहना है कि भारतीय शेयर बाजार में मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा को शुरू हुए 6 दशक से भी ज्यादा हो गए हैं। BSE यानी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने साल 1957 में मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत की थी। BSE के बाद आए NSE यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने साल 1992 में मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत की। आमतौर पर त्योहारों पर भारतीय शेयर बाजार पूरी तरह बंद रहते हैं। लेकिन दिवाली एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस पर हमारे शेयर बाजार के दोनों प्रमुख एक्सचेंज मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए 1 घंटे के लिए खुलते हैं।
निवेशकों के लिए यह इतना महत्वपूर्ण और खास क्यों है?
- भारतीय निवेशक दिवाली को अपने नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के रूप में देखते हैं।
- कई हिंदू समाजों में दिवाली को नए साल की शुरुआत माना जाता है।
- निवेशकों का मानना है कि दिवाली पर खरीदारी करने से उनके लिए आने वाले साल में समृद्धि आती है और साल भर मुनाफा होता है। यही वजह है कि शेयर बाजार के निवेशक भी इस दिन शेयर खरीदते हैं ताकि आने वाला साल उनके लिए समृद्धि लेकर आए।
- शेयर बाजार के निवेशक इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं और फिर शेयर खरीदते हैं।
- आमतौर पर इस दौरान खरीदे गए शेयरों को लंबी अवधि के लिए रखा जाता है ताकि वे लंबी अवधि में भारी मुनाफा दें।
- कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि मुहूर्त ट्रेडिंग हिंदू मान्यताओं पर आधारित है।
क्या होता है मुहूर्त ट्रेडिंग में
- मुहूर्त ट्रेडिंग में ट्रेडिंग आम दिनों की तरह ही होती है।
- इसमें ब्लॉक डील सेशन, प्री-ओपन सेशन, आम मार्केट सेशन, ऑक्शन सेशन और क्लोजिंग सेशन शामिल होते हैं।
- ज्यादातर ट्रेडिंग आम मार्केट सेशन में होती है।
- इस सेशन में कई रिटेल निवेशक अपने पसंदीदा शेयर खरीदते हैं और अपना पोर्टफोलियो बढ़ाते हैं।
- मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान इंट्राडे ट्रेडिंग भी की जा सकती है।
- इसके अलावा आप इस दौरान फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस और म्यूचुअल फंड भी खरीद सकते हैं।
मुहूर्त ट्रेडिंग में ट्रेडिंग करते समय किन बातों का ध्यान रखें
आमतौर पर मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान शेयरों की खूब खरीदारी होती है। लेकिन इतिहास बताता है कि इस दौरान बाजार में कई बार गिरावट भी देखने को मिली है। किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें। अगर आपको कंपनी के बारे में सही जानकारी नहीं है तो अपने वित्तीय सलाहकार से जरूर बात करें।
मुहूर्त ट्रेडिंग का इतिहास
मुहूर्त ट्रेडिंग में कारोबार करने वाले निवेशकों को ज्यादातर समय मुनाफा ही मिला है। पिछले 17 मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में से 13 बार बीएसई सेंसेक्स बढ़त के साथ बंद हुआ है। 2012 से अब तक भारतीय शेयर बाजार में 12 बार मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन हुए हैं, जिनमें से 9 बार सेंसेक्स में मामूली बढ़त दर्ज की गई। पिछले साल मुहूर्त ट्रेडिंग में सेंसेक्स 355 अंकों की उछाल के साथ बंद हुआ था। 2014 से 2023 के बीच सेंसेक्स सिर्फ एक बार लाल निशान में बंद हुआ है। साल 2017 में सेंसेक्स में 0.04% की गिरावट आई थी और 2018 में इसमें 0.6% की गिरावट आई थी।