
उत्तर प्रदेश के भंडारी मंदिर में हिंदू नेताओं से लेकर किसान निर्माता की कहानी तक दिल को छूने वाली है। शिक्षित होने के बाद हिंदू नेता के रूप में अपना सामाजिक कार्य शुरू किया गया था लेकिन समय के साथ यह युवा खेती किसानी के क्षेत्र में अपनी भूख का लोहा मनवा रहे हैं। अब वह खेती करने के साथ-साथ एक बेहतरीन कृषि आधारित वेबसाइट भी चला रहे हैं। उन्होंने अपनी फर्म के सीईओ और खेती-किसानी से जुड़ी शेयर फर्म का टर्न ओवर कर रहे हैं। वहीं खेती करके लाखों की खेती वाले ये युवा अन्य किसानों के लिए प्रेरणा के स्रोत बन रहे हैं।
हरदोई जिले के रहने वाले किसान अभिषेक द्विवेदी बताते हैं कि पढ़ाई पूरी करने के बाद उनके पास रोजगार का कोई साधन नहीं था। खाली समय में वह हिंदुत्व की गतिविधियों में रुचि लेने लगे। वह हिंदू नेता के तौर पर समाज सेवा कर अपना समय बिता रहे थे। उन्होंने बताया कि वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित हैं। वह अक्सर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में किसानों के बारे में बात करते हैं। उनसे प्रेरित होकर अभिषेक ने खेती शुरू की।
सब्जियां उगाकर कमाई
आज वह अपने खेतों में लौकी, तुरई, भिंडी, करेला, कद्दू, टमाटर और गोभी जैसी कई फसलें उगा रहे हैं। इसके अलावा वह सर्दियों में गाजर, मूली, शलजम और चुकंदर आदि उगा रहे हैं। गाय के मूत्र और गोबर से की जाने वाली खेती पूरी तरह से जैविक है और इसकी सब्जियों की मांग बाजार में बहुत अधिक है। अन्य सब्जियों की तुलना में जैविक विधि से उगाई गई फसलें तुरंत अच्छे दामों पर बिक जाती हैं।
अभिषेक ने बताया कि अब उनका व्यवसाय आस-पास के किसानों को जागरूक भी कर रहा है। अभिषेक चौपाल के माध्यम से आस-पास के किसानों को जागरूक करते रहते हैं और वे आस-पास के किसानों को अच्छे बीज भी उपलब्ध कराते हैं। वैसे इस तरह की खेती के लिए सरकार अनुदान भी देती है और इस अनुदान पर अच्छी सब्सिडी मिलती है।
16 करोड़ का वार्षिक कारोबार
जागरूक अनुभवी किसान अभिषेक द्विवेदी ने कहा कि सरकार की योजनाओं से लाभ लेते हुए अपनी एक वेबसाइट भी शुरू की है. वह एक फर्म भी चला रहे हैं, जिसमें गाय का घी, अचार, मस्टर्ड ऑयल, शहद समेत कई प्रोडक्ट तैयार कर रहे हैं, जिनकी अच्छी बाजार में खपत है. इसमें किसी भी प्रकार की कोई मिलावट नहीं होती है. वहीं समय-समय पर सरकार उद्यान तथा कृषि विभाग के अधिकारी उनके फार्म का निरीक्षण करते हैं और अच्छी सलाह देते रहते हैं. जिसका असर उनके दैनिक काम पर भी दिखाई देता है. अभिषेक ने बताया कि वो खेती के व्यवसाय से साल में करीब 16 करोड़ रुपए का टर्नओवर कर रहे हैं.