
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली जारी है। इस महीने एफपीआई ने अब तक भारतीय बाजार से 85,790 करोड़ रुपये या 10.2 अरब डॉलर निकाल लिए हैं। चीन के प्रोत्साहन उपायों, वहां शेयरों के आकर्षक मूल्यांकन और घरेलू शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन के कारण एफपीआई लगातार भारतीय बाजार में बिकवाली कर रहे हैं।
विदेशी फंडों की निकासी के लिहाज से अक्टूबर का महीना सबसे खराब साबित हो रहा है। मार्च 2020 में एफपीआई ने शेयरों से 61,973 करोड़ रुपये निकाले थे। इससे पहले सितंबर में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार में 57,724 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जो उनके निवेश का नौ महीने का उच्चतम स्तर है। डिपॉजिटरी डेटा के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक जून से लगातार खरीदार थे। अप्रैल-मई में उन्होंने जरूर 34,252 करोड़ रुपये निकाले थे।
आगे क्या होगा?
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर, मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि भविष्य में भारतीय बाजार में एफपीआई का निवेश भू-राजनीतिक स्थिति और ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव जैसे वैश्विक घटनाक्रमों पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर एफपीआई की नजर मुद्रास्फीति के रुख, कंपनियों के तिमाही नतीजों और त्योहारी सीजन की मांग पर रहेगी।
एफपीआई भगदड़
आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने एक से 25 अक्टूबर के बीच भारतीय शेयर बाजार से शुद्ध रूप से 85,790 करोड़ रुपये निकाले हैं। एफपीआई की ओर से लगातार बिकवाली से बाजार की धारणा प्रभावित हुई है, जिसके कारण एनएसई निफ्टी अपने शीर्ष स्तर से आठ प्रतिशत नीचे आ गया है।
बिकवाली जारी रह सकती है
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई की ओर से लगातार बिकवाली के रुख में तत्काल बदलाव की संभावना नहीं है। चीन के प्रोत्साहन उपायों के कारण एफपीआई वहां के बाजार का रुख कर रहे हैं। इसके अलावा भारत में ऊंचे मूल्यांकन के कारण एफपीआई बिकवाली कर रहे हैं।”
बांड बाजार से भी पैसा निकाला
आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि में सामान्य सीमा के माध्यम से बॉन्ड से 5,008 करोड़ रुपये निकाले हैं और स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग (वीआरआर) के माध्यम से 410 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस साल अब तक एफपीआई ने शेयरों में 14,820 करोड़ रुपये और ऋण या बॉन्ड बाजार में 1.05 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।